लेखनी कविता -बनूँगा डॉक्टर - बालस्वरूप राही

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बनूँगा डॉक्टर / बालस्वरूप राही खूब लगन से पढ़- लिख कर, हो कर बड़ा बनूँगा डॉक्टर। स्टेथस्कोप गले में डाले और हाथ में बेग संभाले, जल्दी-जल्दी पाँव बढ़ा कर जाऊँगा मैं ...

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